मुलेठी एक औषधीय गुणों से भरपूर प्राकृतिक जड़ीबूटी है ।भारत देश में सामान्यतः इस औषधि का इस्तेमाल खांसी और सर्दी को दूर करने के लिए किया जाता है ।आयुर्वेद के अनुसार गला रोगों के लिए मुलेठी रामबाण औषधि मानी गयी है ।मुलेठी का इस्तेमाल प्राचीन काल से आयुर्वेदिक औषधियाँ बनाने के लिए किया जाता रहा है ।मुलेठी का पौधा झाड़ी के रूप में विकसित होता है ।आयुर्वेद में इस पौधे की जड़ और छाल को अच्छे से सुखा कर उससे अनेक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां तैयार की जाती हैं ।मुलेठी की तासीर ठंडी और स्वाद एकदम मीठा होता है ।दांतों को स्वस्थ रखने और गले को रोगों से मुक्त रखने के लिए ज्यादातर मुलेठी का सेवन किया जाता है। मुलेठी के इन्ही आयुर्वेदिक गुणों के कारण आज हर दंत मंजन में मुलेठी का मिश्रण किया जाता है ।मुलेठी को आयुर्वेद ग्रंथों में यष्टीमधु के नाम से भी जाना जाता है ।मुलेठी का पौधा अनेक बिमारियों को दूर करने की महत्वपूर्ण औषधि मानी गयी है ।इसका सेवन आपके शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित रखने वाला होता है ।यह आपके शरीर में रक्त को स्वच्छ और दुरुस्त रखने में सहायक साबित होती है ।इस लेख में हम मुलेठी के बिमारियों को दूर करने वाले गुणों के बारे में जानेगें ।

व्याख्या - इस श्लोक में कहा गया है कि मुलेठी शीतवीर्य ,गुरु ,मधुररसयुक्त ,नेत्रों के लिए लाभकारी ,बलकारक तथा व्रण को सुन्दर रखने वाली ,वीर्यजनक ,बालों के लिए फायदेमंद ,स्वर को सुधारने वाली ,पित्त और वात को संतुलित रखने वाली और रक्त रोगों को दूर करने वाली ,व्रण,शोथ ,विष ,वमन ,प्यास ,ग्लानि तथा क्षय रोगों को दूर करने वाली होती है ।

संदर्भ - भावप्रकाश निघण्टु ,(हरितक्यादिवर्ग ),श्लोक -१४६ ।

आइये जानते हैं मुलेठी के औषधीय गुणों के बारे में :--

सिरदर्द को दूर करने में सहायक :--

एक शोध के अनुसार अगर आप अत्यधिक कार्य की वजह से बार बार सिरदर्द की समस्या से ग्रसित हैं तो आपके लिए मुलेठी का इस्तेमाल करना असरदार साबित हो सकता है ।इसके उपयोग के लिए मुलेठी की छाल से चूर्ण तैयार करके उसको सरसों के तेल में मिलाकर रोजाना सिर में मालिश करने से आपको कभी सिरदर्द की परेशानी नहीं होगी।

खांसी को दूर करने में सहायक :--

आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी खांसी और दमा जैसी हानिकारक बिमारियों को दूर करने में लाभकारी साबित होती है ।मुलेठी के अंदर पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्व और खनिज पदार्थ आपकी खांसी की परेशानी को खत्म कर देते हैं।खांसी के मरीज को मुलेठी को नियमित रूप से चूसते रहने से उसकी खांसी बहुत जल्दी ठीक हो जाती है ।

आँखों के लिए फायदेमंद :--

आज के समाज में हम देखते हैं कि बहुत छोटी सी आयु में आँखों की रोशनी कमजोर होने लग जाती है जिसकी सबसे बड़ी वजह आज कल के बच्चों का खो खो , कब्बडी और शारीरिक खेल को छोड़ कर मोबाइल फ़ोन और टीवी पर लगे रहना हैं जिसकी वजह से उनकी आँखों की रोशनी बहुत जल्दी कमजोर होने लगती है ।अगर आप अपनी आँखों की रोशनी साफ रखना चाहते है तो मुलेठी को पानी में अच्छे से उबालकर उस पानी को ठंडा करके उसके साथ आँखों को नियमित रूप से धोने से आपकी आँखें स्वस्थ रहती हैं और उनकी रोशनी बढ़ने लगती है।

नाक और कान की अच्छी औषधि :--

आयुर्वेद में मुलेठी कान और नाक के रोगों की अच्छी औषधि मानी गयी है ।मुलेठी और मुनक्का को देसी गाय के दूध में अच्छे से उबालकर उस दूध को हल्का गरम २ बून्द कान में नियमित रूप से डालने पर कान अनेक बिमारियों से सुरक्षित रहता है ।नाक के रोगों में १ चम्मच मुलेठी चूर्ण और उसके अंदर ६ से ७ इलायची को पीसकर इस मिश्रण का अर्क तैयार करके उस अर्क की २ बून्द रोजाना नाक में डालने से आपकी समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।

मुँह के रोगों में फायदेमंद :--

अगर आपको मुँह से संबंधित कोई भी परेशानी है या फिर मुँह में छाले हो जाते हैं तो इन समस्याओं में आपको मुलेठी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है ।इसके लिए मुलेठी का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर उसको चूसते रहने से आपकी ये सभी समस्याएं जल्दी दूर हो जाती है ।श्वास से संबंधित रोगियों को मुलेठी की जड़ से अर्क तैयार करके उसको सुबह खाली पेट सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है ।

हृदय रोगों में असरदार :--

हृदय को शरीर का स्तम्भ कहा जाता है।शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग हृदय होता है अगर आपका हृदय स्वस्थ है तो आपका शरीर भी स्वस्थ बना रहता है। परन्तु आपकी बुरी आदतों और गलत खान पान की वजह से आपका हृदय अनेक बिमारियों से ग्रसित हो जाता है और ठीक से काम करना बंद कर देता है और इसी परेशानी की वजह से दिल का दौरा,धड़कन कम होना जैसी बीमारिया उत्पन हो जाती हैं ।इन सभी बिमारियों को दूर करने और हृदय को मजबूत बनाए रखने के लिए मुलेठी की छाल का चूर्ण सुबह खाली पेट नियमित रूप से सेवन करना फायदेमंद होता है ।यह प्रयोग हृदय को स्वस्थ रखने के साथ साथ पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक साबित होता है ।

त्वचा रोगों को दूर करने में सहायक :--

एक शोध के अनुसार त्वचा रोगियों को मुलेठी का इस्तेमाल करना लाभकारी होता है ।गलत खान पान और खराब दिनचर्या की वजह से अगर आपके चहरे पर फुन्सी और छाइयाँ हो गयी हैं तो उनके ऊपर मुलेठी छाल को पीसकर उस लेप को लगाने से चहरे की फुन्सी जल्दी दूर हो जाती हैं इसके साथ साथ अगर आप मुलेठी को तिल के तेल में अच्छे से पीसकर इस मिश्रण को त्वचा के घाव पर लगते हैं तो आपका घाव जल्दी ठीक हो जाता है ।

Author's Bio: 

डॉ। विक्रम चौहान, MD- AYURVEDA चंडीगढ़, भारत में स्थित एक विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं और भारत के मोहाली में अपना अभ्यास कर रहे हैं। वह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी आयुर्वेद के प्राचीन उपचार उपचार का ज्ञान फैला रहा है। वह Planet Ayurveda Products, Planet Ayurveda Clinic और Krishna Herbal Company के सीईओ और संस्थापक हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: www.planetayurveda.com