डॉ आनंद पोद्दार
आज के प्रतियोगिता के दौर में, क्लास 12वीं के बाद हम सभी बेहतर कॅरिअर चुनना चाहते है। लेकिन इसका चुनाव करना बेहद मुश्किल होता है। हमारे सामने ऐसे हजारो सवाल खडे होते हैं, जिनके जवाब खोजने मुश्किल होते हैं। मसलन कौनसा कॅरिअर बेहतर है, किस शहर में मुझे पढाई करनी चाहिए, किस कॉलेज या संस्था में एड्मिशन लेना चाहिए, आदि। क्यों, क्या और कैसे. ना जाने ऐसे कितने प्रश्न हमे घेर के रखते हैं और हमारा मस्तिष्क इसी ऊधेडबुन में लगा रहता है। और इन सबके परिणामस्वरूप अधिकतर बच्चे सही मार्ग पर चलने से चूक जाते हैं और अकसर गलत निर्णय ले लेते हैं।
दरअसल ये एक ऐसी स्थिति होती है जो हर स्टूडेंट के साथ बीतती है, फिर चाहे वो उसके लिए बेहतर हो या नहीं, एक बार कॅरिअर चुनने के बाद उसे इसके साथ ही चलना होता है। कई बार स्टूडेंट्स के सामने ऐसी स्थिति भी हो जाती है कि वे जिस एन्ट्रेन्स टेस्ट में अपीयर होते हैं, वहां सफलता नहीं मिलती है, ऐसे में उनकी आशाओं को और ठेस पहुंचती है।
ऐसे में महत्वपूर्ण प्रश्न ये है कि कॅरिअर को किस तरह से और किस दिशा में आगे बढाया जाए। जिस तरह से किसी भोजन की थाली में कौनसे आईटम होने चाहिए, ये व्यक्ति अपनी पाचन क्षमता के अनुसार तय करता है उसी प्रकार कॅरिअर भी अपनी क्षमताओं एवं विजन के अनुरूप ही तय करना चाहिए। मसलन हाई बीपी और शुगर के मरीज अपना मेन्यू अलग रखेंगे जबकि एलर्जी वाले पेषेंट के लिए फूड का मैन्यू कुछ और होगा।
इसी तरह हमें अपने कॅरिअर को लेकर डिसीजन मेकिंग का प्रासेस भी समझना चाहिए। इस प्रोसेस में माइक्रो एनालिसिस से शुरूआत करके इसमें हमारे पोर्टफोलियो, हमारी वीकनेस और स्ट्रेंथ का एनालिसिस, सब्जेक्ट स्ट्रेन्थ, एरिया ऑफ इंट्रेस्ट आदि का एनालिसिस करना जरूरी है।
निम्न स्टेप्स हमें बेहतर कॅरिअर चुनाव में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
स्टेप 1-
स्वोट एनालिसिस
मैनेजमेंट का प्रसिद्ध फंडे स्वोट एनालिसिस करना बेहद जरूरी है। इसमें स्ट्रेन्थ, वीकनेस, ऑपर्चुनिटी और थ्रेट्स के अनुसार एनालिसिस किया जाता है। स्ट्रेन्थ, में हमारा पैशन, स्किल, कम्युनिकेशन, एक्स्प्रेश्नपावर, लैंग्वेज केपबिलिटी, बेसिक मैथ्स, इंटेलीजेंस, जेनरिक लाइफ स्किल आदि आते हैं। वीकनेस में लैंग्वेज प्रोब्लम है तो इसे सुधारा जा सकता है। कम्युनिकेशन जैसी वीकनेस को भी प्रेक्टिस के साथ सुधारा जा सकता र्है। अगर आप इन्ट्रोवर्ट हैं तो उसी के अनुसार कोर्स का चयन करें।
अब हमें ऑपर्चुनिटी की ओर देखना होगा। जिस तरह से पूरी पिक्चर देखने से पहले हम इसका ट्रेलर देखकर पिक्चर देखने को लेकर निर्णय लेते हैं। इसी प्रकार से हमें बाजार में उपलब्ध अवसरों मसलन मार्केट एनालिसिस, मार्केट ट्रेन्ड, कॅरिअर ट्रेन्ड,, इडियन एंड ग्लोबल इकॉनमी आदि का एनालिसिस जरूरी है। ध्यान रखें की गवर्नमेंट की पॉलिसी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
अंत में आता है थ्रेट्स। अभी हमने देखा कि कोविड ने टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाया है। वर्तमान की समस्याओं को देखते हुए थ्रेट्स का भविष्य को लेकर एनालिसिस करते हुए कॅरिअर चुनना चाहिए। जैसे अभी डिजीटलाईजेशन, डायग्नोस्टिक, हेल्थ केयर, वेक्सीनेशन, आयुर्वेदा, सेनीटेशन जैसे इंडस्ट्री में बेहतर कॅरिअर है।
स्टेप 2-
कॉलेज का चयन
इस चयन से पूर्व कॉलेज का मेन्यू कार्ड देखना अत्यधिक जरूरी है। कॉलेज के चयन में कई लॉजिकलव्यूपॉइंट्स होते हैं जिनके आधार पर इसका चयन किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर कॉलेज की रेपुटेशन को फैकल्टी के आधार पर देख सकते हैं। इसमें उनकी टीचिंग एक्सपीरीयंस, स्कोपस इंडेक्स, जर्नल्स लिखने की क्षमता, उनका नेशनल और इंटरनेशनल सेमीनार्स में एक्सपोजर , रिसर्च प्रोजेक्ट्स आदि पाईंट महत्वपूर्ण होंगे।
इसी प्रकार फेसिलिटी एवं इंफ्रास्ट्राक्चर भी देखना जरूरी है। अर्थात लायब्रेरी, ऑनलाइन लायब्रेरी सॉफ्टवेर, जर्नल्स, कम्यूटर लेब्स, स्पोट्र्स ग्राउंड, डिजीटल क्लासरूम, एजुकेषनल टूल्स, जिम, फिटनेस सेन्टर, साइंस लेब, इन्क्यूबेषन सेंटर, परिवहन सुविधा आदि। इसके अतिरिक्त एक्टिविटीज को भी देखना चाहिए। इसका भी स्टूडेंट्स के व्यक्तित्व के विकास में अहम भूमिका होती है। ऐसे में एक्टिविटीज के बारे में भी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
स्टेप 3-
फ्यूचर प्रोस्पेक्ट्स
आपको अपना कोर्स तय करने के बाद यह देखना होगा कि भविष्य में यह कोर्स किस तरह से प्रासंगिक रहेगा। इसमें सब्जेक्ट का रिसर्च कर इससे संबंधित सूचनाएं एकत्रित करनी चाहिए तथा भविष्य के प्रोस्पेक्ट्स के अनुसार इसका रिसर्च करना चाहिए। सेलेक्शन प्रोसेस के दौरान किसी भी तरह से आपको प्रभावित नहीं होना चाहिए, आपको अपने पेरामीटर्स पर कोर्स एवं सब्जेक्ट का चयन करना चाहिए। पेरेंट्स, फ्रेंड्स, फैकल्टीज इनका आपके सब्जेक्ट या कोर्स चुनाव पर इन्फ्लूऐंस नहीं होना चाहिए। कोर्स चयन से पहले आपको मालूम होना चाहिए कि इस कोर्स में क्या-क्या कवर हो रहा है। कब तक कवर होगा। कई बार स्टूडेंट सीनीयर्स, एल्यूमिनी तथा उसी फील्ड में कार्यरत लोगो से भी ओपिनियन लेना प्रिफर करते हैं।
ऊपर के स्टेप्स फॉलो करने के बाद अंत में लिस्ट ऑफ थिंग्स जिसमें लाइक, डिसलाइक, पैशन, स्ट्रेन्थ, वीकनेस आदि की सूची हो, तैयार करनी चाहिए।

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